प्रस्तुत पुस्तक लेखक की अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित बहुचर्चित पुस्तक Evolution of Geographical Thought (5th Ed.) का हिन्दी अनुवाद है। हिन्दी भाषी छात्रों की निरन्तर बढ़ती मांग को दृष्टिगत रखकर इस पुस्तक का पूर्णतः संशोधित एवं परिवर्धित संस्करण तैयार किया गया है।
इस पुस्तक में प्रमुख भूगोलवेत्ताओं द्वारा प्रतिपादित विचारधाराओं को सुव्यवस्थित एवं क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत किया गया है। यथास्थानों पर चित्रों एवं मानचित्रों द्वारा उदाहरण भी दिये गये हैं।
प्रस्तुत पुस्तक भूगोल की उच्च कक्षाओं के विद्यार्थियों के अतिरिक्त प्रमुख रूप से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रार्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लिखी गई है, अतः उन चिन्तकों एवं सिद्धान्तकारों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया है जो इन परीक्षाओं की दृष्टि से विद्यार्थियों के लिये अधिक उपयोगी हैं।
आशा है, हिन्दी का यह संस्करण विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।• प्राचीन भारतीय और चीनी विद्वानों की भौगोलिक विचारधाराएँ (Ancient Indian and Chinese Geographical Ideas)
• अरब भौगोलिक विचार (Arab Geographical Thought) • खोज-यात्राओं और आविष्कारों का प्रभाव (The Impact of Explorations and Discoveries) • आधुनिक भौगोलिक विचारों के संस्थापक (Founders of Modern Geographical Thought) • भौगोलिक विचार के सम्प्रदाय (Schools of Geographic Thought) • नियतिवाद और सम्भववाद के मध्य द्विभागीकरण (Dichotomy between Determinism and Possibilism) • भूगोल में द्वैतवाद और द्विभागीकरण (Dualism and Dichotomies in Geography)• मात्रात्मक क्रांति, प्रतिमान, तंत्र-विश्लेषण और प्रादेशिक संकल्पना (Quantitative Revolution, Paradigms, System Analysis and Regional Concept)
• भूगोल में प्रतिरूप (Models in Geography) • भौगोलिक विचारों में आधुनिक प्रसंग (Modern Themes in Geographical Thought)माजिद हुसैन जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली में भूगोल के भूतपूर्व प्रोफेसर हैं। अध्यापन तथा अनुसंधान के प्रति उच्च कोटि की प्रतिबद्धता रखने वाले डाॅ. हुसैन न केवल भूगोल की कठिनतम अवधारणाओं की सरलतम शब्दों में व्याख्या करने की असाधारण योग्यता रखते हैं, बल्कि वृहद् तथ्यों का निश्चयात्मक ढंग से विश्लेषण करने का सामर्थ्य भी रखते हैं।
डाॅ. हुसैन की विभिन्न पुस्तकों, विशेषकर विश्व भूगोल, मानव भूगोल तथा कृषि भूगोल, की सर्वत्र सराहना हुई है तथा भारत एवं विदेशों में इन्हें मूल.पाठ ( text ) तथा सन्दर्भ ग्रन्थों के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।